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Anand Prakash Jain ki lokpriya kahaniyan (in Hindi)
Prakash, Anand Jain
Synopsis "Anand Prakash Jain ki lokpriya kahaniyan (in Hindi)"
श्री आनंद प्रकाश जैन हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक रहे हैं। पचास से अस्सी के दशक तक उनके नाम की खूब धूम थी। उनकी सभी सामाजिक और ऐतिहासिक रचनाओं को दिल खोलकर पाठकों ने सराहा। इस संग्रह में उनकी तेरह चुनी हुई ऐतिहासिक, सामाजिक और हास्य कहानियों का संग्रह है। एक अंतराल के बाद इस कृति को उनके प्रशंसकों के सामने रखते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है। 'रथ के पहिए', 'काली बेगम', 'अग्निपुरुष', 'गिरिजे का कंगूरा', 'अंतिम नग', 'अंतिम अस्त्र', 'हर्ष के आँसू' और 'पीले हाथ' उनकी ऐतिहासिक कहानियाँ हैं। 'बोलने वाला बुत' एक हास्य-कथा है। अपनी ऐतिहासिक कहानियों में उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों की सत्यता को बरकरार रखा। 'रथ के पहिए' में अहिंसा धर्म के पालक सम्राट् अशोक का हिंसक चेहरा, 'अंतिम नग' में बानों की सहेली बदरुन्निसा का उसके प्रति निश्छल प्रेम इसके उदाहरण हैं। इनमें से ज्यादातर कहानियों में नायिकाएँ पत्नी, दासी, नर्तकी रानी या विषकन्या हर रूप में नारी अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाती नजर आती हैं। इन मार्मिक कहानियों में नारी पात्रों में अपने आदर्शों, सिद्धांतों, कर्तव्यों व अधिकारों के लिए अपने प्राणों की आहुति देते सशक्त नारी के दर्शन होते हैं। ये सभी कह&